मनोरंजक कथाएँ >> साहस रोमांच की कहानियाँ साहस रोमांच की कहानियाँसुकीर्ति भटनागर
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साहस और रोमांच से भरी हुई कहानियाँ है इस संग्रह में......
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
बहादुरी का इनाम
नीटू था तो छोटा-सा बालक पर बहुत ही निडर और साहसी। उसे जासूसी तथा
बहादुरी की कहानियाँ पढ़ने में बहुत मजा आता। रात को सोते समय भी
कहानियों में पढ़ी रोमांचकारी वारदातें पुलिस की भागदौड़ और जासूस झटपट
लाल के सनसनीखेज कारनामें उसके दिमाग में धमाचौकड़ी मचाए रहते।
व सोचता कि यदि वह भी कोई जासूस होता तो देश में जगह-जगह फैले तरह-तरह के अपराधियों की हालत खराब कर देता। वह कोई-न-कोई बहादुरी का काम करके बहादुरी का इनाम जीतना चाहता था। जब वह अपने मित्रों के बीच बैठकर ऐसी बातें करता तो सब उसकी हँसी उड़ाते और ‘क्या पिद्दी और क्या पिद्दी का शोरबा’ कहकर उसे छेड़ते।
नीटू अपने मां-बाप के साथ एक छोटे से कस्बे में रहता था। यहां चोरियाँ बहुत हुआ करती थीं। सभी लोगों के मन में चोर-लुटेरों का डर बुरी तरह समाया हुआ था। नीटू के पिता जी ने अपने जानमाल की हिफाजत के लिए लाइसेंस बनवा कर एक पिस्तौल भी खरीद ली थी।
एक दिन नीटू ने अपने पिता जी से कहा। कि वह भी पिस्तौल चलाना सीखना चाहता है। तब उसके पिताजी ने उसको समझाया कि अभी वह बहुत छोटा है कुछ सालों बाद स्वयं ही उसे पिस्तौल चलाना सिखा देंगे। पर उसके हठ को देखकर उन्होंने उसे पिस्तौल चलाने के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी दे दी। साथ ही यह भी कहा कि असली पिस्तौल चलाने की अभी उसकी उम्र नहीं है इसलिए वह उसे खिलौने वाली पिस्तौल ला देंगे। जिससे वह निशाना साधने का अभ्यास कर सकता है।
व सोचता कि यदि वह भी कोई जासूस होता तो देश में जगह-जगह फैले तरह-तरह के अपराधियों की हालत खराब कर देता। वह कोई-न-कोई बहादुरी का काम करके बहादुरी का इनाम जीतना चाहता था। जब वह अपने मित्रों के बीच बैठकर ऐसी बातें करता तो सब उसकी हँसी उड़ाते और ‘क्या पिद्दी और क्या पिद्दी का शोरबा’ कहकर उसे छेड़ते।
नीटू अपने मां-बाप के साथ एक छोटे से कस्बे में रहता था। यहां चोरियाँ बहुत हुआ करती थीं। सभी लोगों के मन में चोर-लुटेरों का डर बुरी तरह समाया हुआ था। नीटू के पिता जी ने अपने जानमाल की हिफाजत के लिए लाइसेंस बनवा कर एक पिस्तौल भी खरीद ली थी।
एक दिन नीटू ने अपने पिता जी से कहा। कि वह भी पिस्तौल चलाना सीखना चाहता है। तब उसके पिताजी ने उसको समझाया कि अभी वह बहुत छोटा है कुछ सालों बाद स्वयं ही उसे पिस्तौल चलाना सिखा देंगे। पर उसके हठ को देखकर उन्होंने उसे पिस्तौल चलाने के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी दे दी। साथ ही यह भी कहा कि असली पिस्तौल चलाने की अभी उसकी उम्र नहीं है इसलिए वह उसे खिलौने वाली पिस्तौल ला देंगे। जिससे वह निशाना साधने का अभ्यास कर सकता है।
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